शनिवार, जून 12, 2010

प्यार क्या है


प्यार क्या है? मैंने खुद से यह सवाल कई बार पूछा है. मन में कई जवाब आते भी हैं. कभी लगा प्यार पाना है तो कभी लगा की प्यार देना है. कभी लगा की प्यार छोड़ देना है. आपका होगा तो वापस आयेगा जरुर. आता भी है. लेकिन फिर चला जाता है. इस प्यार को क्या कहेंगे? ये कैसा प्यार है जो आता है और फिर चला जाता है? कहते हैं फुल की खुशबु की तरह प्यार होता है. तो कुछ लोग कहते हैं की प्यार जादुई होता है. पर मैंने जिस प्यार को महसूस किया है, वो अजीबोगरीब किस्म का है. मन में बेचैनी जगा जाता है और फिर छोड़ जाता है अकेले सुबकने के लिए. तब मन में आता है की इस प्यार को क्या कहें, क्या नाम दे? जो आपको छोड़ जाता है सुबकने के लिए, लड़ने के लिए.
प्यार, ये हमे जीना भी सिखाता है आपके अपनों के लिए. उन्हें खुश देखने के लिए, उन्हें प्यार करने के लिए. मैंने शिद्दती प्यार को महसूस किया है, जो आता है दुबारा तो फिर जाने का नाम नहीं लेता. नश्तर की तरह चुभ जाता है आपके अन्दर. तीस्त्ता रहता है पल-पल हर क्षण. कष्ट देता है और ख़ुशी भी. सोचने पर महसूस होता है की प्यार कितना खुबसूरत होता है. तो कभी लगता है प्यार कितना कष्टदायक होता है. पर प्यार तो वही है तो जो आपको हिम्मत दे, जूनून दे. कुछ पाने का जूनून, किसी को चाहने का जूनून. और वो प्यार ही किस काम का जो आपमें जूनून न पैदा करे. जो आपको लड़ने पर उतारू न कर दे, अपनी किस्मत से, अपनी परिस्थितियों से. प्यार तो उस रस्ते की तरह है जिस पर आप चलते हैं तो उस छोटे गड्ढे को नहीं याद रखते जो रस्ते में आता है. बल्कि पुरे रास्ते को याद करते हैं और खुश होते हैं की ये रास्ता बहुत प्यारा है, आखिर आपकी जिंदगी का प्यार जो साथ है.

13 टिप्‍पणियां:

उन्मुक्त ने कहा…

प्यार तो एहसास है केवल महसूस किया जा सकता है शायद बयान नहीं किया जा सकता।

अनुराग मुस्कान ने कहा…

प्या को प्यार ही रहने दें कोई नाम ना दें।

दिलीप ने कहा…

pyaar kuch nahi samay ki barbaadi hai...par pyaar amarta bhi prapt karta hai jab wo desh se kiya jaaye

संगीता पुरी ने कहा…

प्‍यार प्‍यार के सिवा और क्‍या हो सकता है ??

arvind ने कहा…

bahut acchaa likhaa hai.shaayed pyar ko define karane ki koshis but still undefined.....pyar ke bare me aapki pyaari baaten bahut pyaari lagaa.

Priyanka ने कहा…

Its out of mind. superb yaar....

siya ने कहा…

pyar vo hai jo byan nhi kiya jata vo to khud b khud ho jata h pyar ki defination khud pyar karne wale bhi nhi jante bs ho jata h.

"aafat to h magar andaaz kuch or h 'marte h jis pr vo ada kuch or h 'gussa to karte h hum pagal bhi ho jate h'magar unki narajgi ki ada kuch or h"aisi kha aankehen jo hame madhosh kr dein "magar unki aankhon ka nasha kuch or h .

isliye kehte h pyar mei giro mat 'pyar mei utho .

siya ने कहा…

pyar dene ka naam h lene ka nhi isliye girls pls aviod the many gifts vo pyar nhi h

kuldeep ने कहा…

pyar ek pyara sa dhokha hai

RK Sarkar ने कहा…

Pyar ishk aur mohabbat is a verry danger game.

vishnu kumar ने कहा…

pyar bhut suna tha lekin mahsus nhi kiya tha jab masus kiya to jana kuch smay me jo apna khas ho jay vahi pyar hai

RAMA SHANKAR KARN(RAVI) ने कहा…

PYAR WO KHUBSARAT LAMHA HAI ,JO KBHI JINDGI ME KHUSIYA BHAR DETA HAI,TO KABHI JINDGI KI SARI KHUSIYA CHHIN LETA HAI.FIR BHI PYAR AMR HAI,ANSWAR HAI.JISKE KHYALO ME KHOKAR MANAV SKUN MAHSUS KRTA HAI. RAMA SHANKAR KARN(RAVI)

RAMA SHANKAR KARN(RAVI) ने कहा…

PYAR WO KHUBSARAT LAMHA HAI ,JO KBHI JINDGI ME KHUSIYA BHAR DETA HAI,TO KABHI JINDGI KI SARI KHUSIYA CHHIN LETA HAI.FIR BHI PYAR AMR HAI,ANSWAR HAI.JISKE KHYALO ME KHOKAR MANAV SKUN MAHSUS KRTA HAI. RAMA SHANKAR KARN(RAVI)