शनिवार, मार्च 17, 2012

बस तुम



आँखें बंद
सब मद्धम
सुर लय
ताल थाप
बस तुम
बस हम
और नहीं
कुछ भी
जैसे साँसों का
आवागमन
हौले- हौले

गुरुवार, मार्च 15, 2012

अनमोल यादें




एक आँगन मेरा बस
और आ जाती हैं
ना जाने कितनी अनमोल यादें
चिहुंक उठता है मेरा मन
कभी अबोला तो
कभी सांसो का मद्धम शोर
यूँ ही कहीं भी
कभी भी