सोमवार, अप्रैल 25, 2011

रूखापन

अच्छी नहीं लगती हूँ तुम्हे मैं
तभी तो बार- बार हर बार तुम
उलझा देते हो मेरे बालों को
रुखा कर जाते हो मेरे हाथ को
अपने हाथ के रूखेपन से

क्या कभी जानने की कोशिश की है तुमने
की तुम्हारे इन रूखे हाथों से भी मुझे
आती है महक मलाई की
उफनते दूध की, जो माँ
अपनी रसोई में आवाज लगा कर
देती थी हमे पीने को

दूध जिसमे थी महक माँ के प्यार की
माँ की हथेली भी तो रुखी थी
ना जाने क्यों तुम्हारे रूखे हाथ
कई बार माँ के रूखे हाथ से महसूस होते हैं