गुरुवार, मार्च 15, 2012

अनमोल यादें




एक आँगन मेरा बस
और आ जाती हैं
ना जाने कितनी अनमोल यादें
चिहुंक उठता है मेरा मन
कभी अबोला तो
कभी सांसो का मद्धम शोर
यूँ ही कहीं भी
कभी भी

6 टिप्‍पणियां:

वाणी गीत ने कहा…

अनमोल यादों का खजाना आँगन भरपूर !
सुन्दर भाव !

Madhuresh ने कहा…

सुन्दर अभिव्यक्ति,
शुभकामनायें!

nayee dunia ने कहा…

यादें सच में अनमोल ही होती है ..........

Saras ने कहा…

यादों को तो सिर्फ बहाना चाहिए..जब चाहो, जहाँ चाहो चली आएँगी ....

आनंद ने कहा…

कभी अबोला तो कभी साँसों का मद्धिम शोर !
...
इसे जितना ही शांत होकर सुनेंगी ...उतना ही तेज गूंजेगा !!

avanti singh ने कहा…

bahut hi sundar panktiyaan ,meri rachna अबोला वादा par aap saadr aamntrit hai